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पुस्तकपरिचयः। |
श्रीमान् रमेशः संस्कृतभाषापटुः संस्कृताध्यापकः च । अतः संस्कृतपठनक्षेत्रे छात्रैः अनुभूयमानाः समस्याः अपि जानाति। द्वावपि पुस्तकौ छात्राणां कृते एव प्रकाशितौ। विशानसंस्कृतवाङ्मये प्रकाशमानानां साहित्याकाराणां परिचयः "संस्कृते साहित्याकाराः" इत्यस्मिन् पुस्तके दीयते । न केवलं नूतनपाठ्यपद्धतिं अनुसरितमानानां अपि च संस्कृतसाहित्यस्य सिंहावलोकितानां महत्सहायमत्र विद्यते। संस्कृतभाषायाः प्रचरणार्थं यतमानः अयं 'संस्कृतभारती नाम संस्थायाः प्रवर्तकः आसीत्। तस्मिन् समये अनुभूतानि कार्याणि लेखनरूपेण सुघटितं "असाध्यं कथं साधयति" इत्यस्मिन् ग्रन्थे। तस्मै रमेशाय शुभमाशंसामहे इतोSपि संस्कृतमातुः सेवायां निरन्तरनिरतो भवतु इति।
नन्दकिषोर्, अलीमुल् इस्लाम् उच्चतरविदालयः, पाटूर्, तृश्शूर्। |
Fri, 02 Mar 2012 05:46:07 UTC |
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